
आरंग-समोदा के कागदेही रेत खदान में चल रहा भर्रा शाही, रोक लगाने में छुट रहे खनिज विभाग के पसीने
रायपुर : राजधानी से लगे आरंग क्षेत्र में अवैध रेत के खेल में लोग मालामाल होते ही जा रहे है, खुलेआम नियमो की धज्जिया उड़ाते रेत माफिया मानो शासन-प्रशासन को मुह चिढाते अपनी मनमानी करने में लगे हुए है जबकि खनिज अधिकारियो का कहना है कि अवैध रेत के खिलाफ लगातार कार्यवाही जारी है मगर यहाँ सबसे बड़ा सवाल यह है कि अगर खनिज विभाग कार्यवाही कर रही है तो अवैध रेत का कारोबार कैसे फल-फुल रहा है? अगर जमीनी हकीकत की बात करे तो महानदी से लगे वैध रेत खदानों के अतिरिक्त कैसे कई रेत खदान है जहा रेत माफिया या उसके गुर्गो द्वारा अपनी अलग फ़ौज बनाकर महानदी का सीना चीरकर रेत का अवैध खनन-परिवहन करने में लगे हुए है|

राजधानी से लगे आरंग स्थित महानदी के किनारे जगह जगह रेत के अवैध खदान संचालित है, कई खदान रेत माफिया अपने गुर्गो के माध्यम से संचालित कर रहे तो कही कही पर असामाजिक तत्वों से साठ-गाठ कर रेत माफिया उनके माध्यम से रेत का खनन-परिवहन करने में लगे है| रेत के अवैध कारोबार पर “देश का प्रहरी’ की टीम लगातार अपनी पैनी नजरे लगाए हुई है इसी कड़ी में टीम समोदा क्षेत्र के कागदेही रेत खदान पहुची जा नदी के बीचो-बीच एक चैन माउन्टिंग मशीन खड़ी थी, मगर रेत खनन बंद था, मामले की जानकारी लेने पर यह सामने आया कि रेत खदान की लीज किसी राजेश कुमार त्रिवेदी के नाम पर है मगर वह किसी कारणवश यहाँ खनन नहीं कर रहा है जिसका लाभ उठाकर क्षेत्र के ही असामाजिक तत्व अपनी चैन माउन्टिंग मशीन से शाम 7 बजे से सुबह 7 बजे तक रेत का खनन व परिवहन करते है|
“देश का प्रहरी’ की टीम ने कागदेही रेत घाट में खड़ी चैन माउन्टिंग मशीन की तस्वीरे ली जिसमे अवैध रेत के खेल की तस्वीरे साफ़ साफ़ नजर आ रही है, इस मामले की जानकारी सम्बंधित अधिकारियो को देकर संज्ञान लेने “देश का प्रहरी’ की टीम अपने कर्तव्य निभाएगी|
