
कांकेर : नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में भारतीय सेना के जवान की हत्या के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. एजेंसी ने शुक्रवार को भाकपा (माओवादी) संगठन से जुड़े पांच कार्यकर्ताओं/कैडरों के खिलाफ विशेष एनआईएअदालत, जगदलपुर में चार्जशीट दाखिल की है. आरोपियों में भवन लाल जैन, सुरेश सलाम, शैलेन्द्र बघेल, अंदराम सलाम और सोनू हेमला शामिल हैं. फरवरी 2023 में आमाबेड़ा क्षेत्र के उसेली मेले में जवान मोतीराम अचाला की हत्या हुई थी. अब इस मामले में बड़ा एक्शन लिया है.
5 नक्सलियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल
इस मामले ने फरवरी 2023 में पूरे क्षेत्र को हिला दिया था, जब नक्सली कैडरों ने आमाबेड़ा क्षेत्र के उसेली गांव मेले में छुट्टी पर आए जवान मोतीराम अचाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी. एनआईए ने अपनी चार्जशीट में जिन आरोपियों के नाम शामिल किए हैं, उनमें भवन लाल जैन, सुरेश कुमार सलाम, शैलेन्द्र कुमार बघेल, अंदराम सलाम और सोनू हेमला के नाम हैं. जांच में सामने आया है कि इनमें से चार आरोपी सक्रिय ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) के रूप में काम कर रहे थे, जबकि सोनू हेमला कुयेमारी एरिया कमेटी, उत्तर बस्तर डिवीजन का सशस्त्र कैडर था. इन सभी ने एक वरिष्ठ माओवादी नेता के साथ मिलकर साजिश रची और मोतीराम अचाला को स्थानीय बाजार में पहचान कर हत्या कर दी.
टारगेटेड किलिंग नहीं थी
एनआईए की जांच में स्पष्ट हुआ कि यह घटना केवल एक टारगेटेड किलिंग नहीं थी, बल्कि इलाके में दहशत फैलाने की सुनियोजित साजिश का हिस्सा थी. इस वारदात का मकसद स्थानीय लोगों और सुरक्षाबलों में भय पैदा करना था. हत्या के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया था.
इस मामले को शुरू में स्थानीय पुलिस देख रही थी, लेकिन फरवरी 2024 में इसे एनआईए ने अपने हाथ में लिया. इसके बाद एजेंसी ने सघन जांच शुरू की और मार्च 2025 में सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. एनआईए ने जून 2025 में इस मामले से जुड़े एक अन्य आरोपी आशु कोरसा के खिलाफ भी चार्जशीट दायर की थी. चार्जशीट में आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC), शस्त्र अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम (UAPA) की गंभीर धाराओं के तहत आरोप तय किए गए हैं.
एजेंसी का कहना है कि इनके खिलाफ मिले सबूत पर्याप्त हैं और अदालत में इन्हें कड़ी सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा. एनआईए ने यह भी स्पष्ट किया है कि मामले की आगे की जांच अभी जारी है. संभावना है कि इस साजिश में और भी माओवादी नेता और कार्यकर्ता शामिल हों, जिनकी भूमिका की जांच की जा रही है.