दंतेवाड़ा की जैविक खेती को राष्ट्रीय पहचान, केंद्रीय कृषि मंत्री ने ‘जवा फूल चावल’ का ऑनलाइन ऑर्डर किया

रायपुर,

शंखनी-डंखनी एफपीओ के सुगंधित चावल की देशभर में मांग

दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिले की जैविक खेती को आज राष्ट्रीय स्तर पर बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। देश के केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जिले के शंखनी-डंखनी फॉर्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन (एफपीओ) से पारंपरिक सुगंधित ‘जवा फूल चावल’ का ऑनलाइन ऑर्डर किया। इस पहल से दंतेवाड़ा जैविक खेती के क्षेत्र में एक सशक्त ब्रांड के रूप में स्थापित हो रहा है।

ज्ञातव्य है कि दंतेवाड़ा जिला, भारत सरकार की लार्ज एरिया सर्टिफिकेशन योजना के तहत, जैविक खेती के क्षेत्रफल में पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। यहां 65,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में जैविक खेती प्रमाणित है और 10,000 से अधिक किसान धान, हल्दी, तिल, कोदो, कुटकी जैसी फसलों का उत्पादन कर रहे हैं।

शंखनी-डंखनी एफपीओ के साथ जुड़े लगभग 400 किसान कई वर्षों से रसायनमुक्त और पारंपरिक तरीके से खेती कर रहे हैं। यहाँ उत्पादित ‘जवा फूल चावल’ अपनी प्राकृतिक खुशबू, रंग और स्वाद के लिए प्रसिद्ध है, जिससे दंतेवाड़ा के आदिवासी किसान जैविक संसाधनों और पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर बेहतरीन उत्पाद तैयार कर रहे हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री द्वारा ‘जवा फूल चावल’ का ऑर्डर दिए जाने से इन किसानों की मेहनत और उत्पाद की गुणवत्ता को राष्ट्रीय मान्यता मिली है।

जिले में प्रशासन, कृषि विभाग, एफपीओ, महिला समूह और युवाओं के सहयोग से दंतेवाड़ा जैविक उत्पादों का केंद्र बनता जा रहा है। ‘जवा फूल चावल’ के साथ-साथ हल्दी, कोदो, कुटकी, काली मिर्च, तिल और फ्लैक्स सीड जैसी फसलों की भी विभिन्न बाजारों में मांग लगातार बढ़ रही है।

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