रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं शुरू, 80 की जगह 50 अंकों का पेपर देख छात्र हुए परेशान

रायपुर : पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं दो अलग-अलग पालियों में शुरू हो गईं। सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू प्रथम पाली में बीसीए, बीकाम और बीएससी अंतिम वर्ष के छात्रों ने परीक्षा दी। बीसीए अंतिम वर्ष का सांख्यिकी विषय का पेपर हुआ, जिसमें पूर्णांक के कम अंक देखकर छात्र परेशान हो गए। आमतौर पर बीसीए सांख्यिकी का पेपर 80 अंकों का होता है, लेकिन इस बार 50 अंकों का पूर्णांक कर दिया गया। प्रश्नपत्र में 50 अंकों के आधार पर ही प्रश्नों के नंबर भी लिखे थे।

बीकाम के छात्रों ने कंप्यूटर एप्लीकेशन और बीएससी के छात्रों ने भू-विज्ञान और सूक्ष्म जीव विज्ञान विषय का पेपर दिया। दोपहर साढ़े 12 बजे से शुरू द्वितीय पाली में बीए अंतिम वर्षों के छात्रों ने पेपर दिया। बीए का अंतिम वर्ष की परीक्षा की शुरुआत हिंदी के साथ हुई। बीसीए को छोड़कर किसी भी कक्षा में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं रही। पहले दिन की परीक्षा भी शांतिपूर्वक हुई। विश्वविद्यालय प्रबंधन को नकल के एक भी प्रकरण नहीं मिले।

गौरतलब है कि विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं दो महीने तक चलेगी। सबसे ज्यादा दिनों तक बीए और बीएससी की परीक्षाएं होंगी। ये परीक्षाएं मई में समाप्त होंगी। अभी स्नातक द्वितीय एवं अंतिम वर्ष की परीक्षाएं चल रही हैं। 15 मार्च से प्रथम वर्ष की परीक्षाओं की शुरुआत होगी। स्नातकोत्तर कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाएं अप्रैल से शुरू हो रही हैं। विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं में लगभग एक लाख 35 हजार छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं।

उड़नदस्ता टीम ने किया औचक निरीक्षण

वार्षिक परीक्षाओं की निगरानी के लिए विश्वविद्यालय प्रबंधन की तरफ से उड़नदस्ता टीम भी बनाई गई है। टीम ने पहले दिन ही शहर के कुछ कालेजों का औचक निरीक्षण किया, लेकिन टीम को एक भी नकल प्रकरण नहीं मिला है।

दो पालियों में परीक्षा से छात्र खुश

पहली बार विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं दो पालियों में हो रही हैं, जिससे छात्र भी खुश है। अभी तक प्रथम पाली की परीक्षाएं सुबह सात बजे से शुरू होती थी, लेकिन इस बार साढ़े आठ बजे से शुरू हो रही है। सुबह और शाम दोनों समय छात्रों को आराम करने और पढ़ने के लिए पर्याप्त समय मिल रहा है। इससे पहले विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाएं तीन पालियों में होती थीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *