52 गांवों के देव विग्रह हुए शामिल, निसंतान महिलाओं ने जमीन पर लेटकर मां अंगारमोती से संतान प्राप्ति की मन्नत मांगी

धमतरी. गंगरेल बांध के किनारे स्थित मां अंगारमोती मंदिर में दीपावली के बाद पहले शुक्रवार को हर साल की तरह इस साल भी जिले का पहला मड़ई मेला का आयोजन किया गया, जिसमें लाखों श्रद्धालु पहुंचे. यहां 11 सौ से अधिक निसंतान महिलाओं ने मां अंगारमोती परिसर में पेट के बल जमीन पर लेटकर हाथों में फूल, नींबू, अगरबत्ती, नारियल लेकर माता से संतान की मन्नत मांगी. जमीन पर लेटी हुई महिलाओं के ऊपर से मंदिर के पुजारी और बैगा गुजरते हुए महिलाओं को आशीर्वाद दिया.

कहा जाता है कि जमीन पर लेटी हुई महिलाओं के ऊपर बैगाओं के गुजरने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और मां अंगारमोती से मांगी गई मन्नत जल्द पूरी होती है. बताया जा रहा कि इस बार गंगरेल मड़ई में 52 गांव के देव विग्रह शामिल हुए.

49 सालाें से चली आ रही है परंपरा

जानकारी के मुताबिक, मां अंगारमोती (गंगरेल) मड़ई का आयोजन 1976 से लेकर अब तक चला आ रहा है. गंगरेल मड़ई कि यह परंपरा पिछले 49 सालों से चली आ रही है. पहले यह मड़ई चंवर गांव में आयोजित होती थी, लेकिन गंगरेल बांध बनने के बाद चंवर गांव डूब गया. इसके बाद से ही हर साल दीपावली के बाद के पहले शुक्रवार को मां अंगारमोती परिसर में मड़ई मेले का आयोजन किया जाता है. इस मड़ई में धमतरी जिले के अलावा अन्य जिलों से भी लोग बड़ी संख्या में आते हैं. निसंतान महिलाएं जमीन पर लेटकर संतान की मन्नत भी मांगते हैं. मां अंगारमोती अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हुए उनकी मनोकामना भी पूरी करती है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *