नई दिल्ली: इस तरह की प्रवृत्ति लोगों में बढ़ रही है। अक्सर लोग मोटर गाड़ी की इंश्योरेंस पॉलिसी (Car Insurance) लैप्स हो जाने के बाद भी उसे लेकर सड़क पर निकल पड़ते हैं। ऐसी गाड़ियों के साथ यदि दुर्घटना हो जाए तो नुकसान की भरपाई नहीं हो पाती। केंद्र सरकार ऐसी प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicle Act) में कुछ बदलाव करने वाली है। इसके बाद इस तरह की गाड़ी चलाने पर भारी-भरकम जुर्माना लगाया जाएगा।
हो रहा है कानून में बदलाव
हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक सड़क सुरक्षा (Road Safety) को बेहतर बनाने के लिए केंद्र सरकार कुछ नए नियम लाने वाली है। इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय (Road Transport Ministry) मोटर वाहन अधिनियम में कुछ बदलाव करने जा रहा है। इन बदलावों से लोगों को सड़कों पर बिना बीमा की मोटर गाड़ी लेकर निकलना महंगा पड़ सकता है।
कितना लगेगा जुर्माना?
इस रिपोर्ट के मुताबिक सरकार अब बिना इंश्योरेंस वाली मोटर गाड़ियों पर भी सख्ती करने वाली है। अगर कोई व्यक्ति बिना इंश्योरेंस के गाड़ी चलाता है, तो उस पर भारी-भरकम जुर्माना लगेगा। अभी इस तरह की गाड़ी चलाने वाले पहली बार पकड़े जाने पर 2,000 रुपये और दोबारा पकड़े जाने पर 4,000 रुपये का जुर्माना चुकाते हैं। नए नियम के अनुसार, पहली बार बिना इंश्योरेंस वाली गाड़ी चलाने पर इंश्योरेंस के बेस प्रीमियम का तीन गुना जुर्माना लगेगा। वहीं, दोबारा पकड़े जाने पर यह जुर्माना पांच गुना हो जाएगा। सरकार का कहना है कि वह सड़कों चलने वाली मोटर गाड़ियों में बिना इंश्योरेंस वाली गाड़ियों की संख्या कम करना चाहती है।
स्पीड लिमिट के नियम भी स्पष्ट होंगे
इस समय सड़कों पर चलने वाली मोटर गाड़ियों की स्पीड लिमिट केंद्र सरकार (Centre) और राज्य सरकारें (States) अलग-अलग तय करती हैं। इससे मोटर चलाने वालों को बहुत परेशानी होती है। वे समझ नहीं पाते कि किस सड़क पर कितनी स्पीड से चलना है। कई बार तो वे अनजाने में ही नियम तोड़ भी देते हैं और उनकी गाड़ी पर चालान जारी हो जाता है। नए नियमों के अनुसार केंद्र सरकार की सड़क मतलब कि नेशनल हाइवे (NH) और एक्सप्रेसवे पर स्पीड लिमिट तय करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास होगा। वहीं, स्टेट हाइवे और अन्य स्थानीय सड़कों के लिए स्पीड लिमिट राज्य सरकारें तय करेंगी। इससे लोगों को आसानी होगी और वे बिना वजह चालान से बच सकेंगे। अधिकारियों का कहना है कि इससे भ्रष्टाचार पर भी लगाम लग सकता है।
डीएल को लेकर भी नए नियम
केंद्र सरकार जो मोटर वाहन अधिनियम में बदलाव कर रही है, उसमें ड्राइविंग लाइसेंस (Driving Licence) को लेकर भी कुछ नया प्रावधान आने वाला है। अब अगर कोई व्यक्ति तेज गाड़ी चलाने या शराब पीकर गाड़ी चलाने जैसे गंभीर अपराध में दोषी पाया जाता है, तो उसे लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए एक बार फिर से ड्राइविंग टेस्ट देना होगा। इतना ही नहीं, 55 साल से ज्यादा उमर वाले लोगों को भी लाइसेंस रिन्यू कराते समय ड्राइविंग टेस्ट देना होगा। इससे यह पता चलेगा कि वे इस उमर में भी सुरक्षित तरीके से गाड़ी चला सकने में सक्षम हैं या नहीं।
अन्य मंत्रालयों से मांगी जा रही है प्रतिक्रिया
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने इन बदलावों का प्रस्ताव अन्य सरकारी विभागों या संबंधित मंत्रालयों को भेजा है। उनसे राय लेने के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। एक बार कैबिनेट से मंजूरी मिल जाए तो फिर इसे देश भर मे लागू कर दिया जाएगा।