गैर शिक्षक कर्मचारी संघ ने अपनी 12 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर किया धरना प्रदर्शन

खैरागढ़. इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय (IKSV) के गैर शिक्षक कर्मचारी संघ ने अपनी 12 सूत्रीय लंबित मांगों को लेकर सोमवार को अंबेडकर चौक में एक दिवसीय धरना दिया. नियमितीकरण, समयमान वेतनमान, पदोन्नति और सेवा शर्तों में संशोधन जैसी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने विश्व विद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की. कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे 17 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे.

धरने के दौरान गैर शिक्षक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रखर शरण सिंह ने कहा कि वे विगत 2024 से अपनी मांगों को लेकर शासन और विश्वविद्यालय प्रशासन से पत्राचार कर रहे हैं, लेकिन लगातार अनदेखी होने के कारण कर्मचारियों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हम लोकतांत्रिक तरीके से अपनी मांगों को उठा रहे हैं और विश्वविद्यालय की गरिमा बनाए रखना हमारी भी जिम्मेदारी है, लेकिन अब कर्मचारियों के सामने आर-पार की लड़ाई के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.

प्रखर शरण सिंह ने कहा कि कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में नियमितीकरण, समयमान वेतनमान, लंबित पदोन्नति, सेवा शर्तों में संशोधन और कर्मचारियों के भवन व सुविधाओं में सुधार शामिल हैं. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय में वर्षों से पदोन्नति और वेतनमान से संबंधित मामलों को टाला जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में नाराजगी है.

उधर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कर्मचारियों के धरने और चेतावनी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि कर्मचारियों की कई मांगें शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन हैं, जिनका समाधान तत्काल संभव नहीं है. प्रशासन ने स्पष्ट किया कि कुछ मांगें ऐसी हैं, जिनका समाधान नियम और प्रक्रियाओं के तहत ही किया जा सकता है, और विश्वविद्यालय संचालन में किसी भी प्रकार का व्यवधान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति डॉ लवली शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय हित और विद्यार्थियों की पढ़ाई सर्वोपरि है. उन्होंने कहा कि वर्षों से लंबित मामलों को तीन दिनों में निपटाना संभव नहीं है और कर्मचारियों को भी यह समझना होगा. उन्होंने कहा कि प्रशासन विद्यार्थियों के हित में कार्य कर रहा है और कर्मचारियों से संयम बरतने तथा समाधान की दिशा में संवाद बनाए रखने की अपील की है. धरने और चेतावनी के बीच अब सभी की नजर प्रशासन और शासन की पहल पर है कि आगामी दिनों में कोई समाधान निकलता है या 17 जुलाई से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठेंगे, जिससे विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और प्रशासनिक गतिविधियों पर असर पड़ सकता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *