भाजपा सरकार के अनुकूल चुनावी ज़मीन तैयार करने की कवायद है SIR – कांग्रेस

 

रायपुर । छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों में SIR की घोषणा को सत्ता प्रायोजित लोकतंत्र विरोधी षड्यंत्र करार देते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि चुनाव आयोग पूरी तरह से भाजपा के मोर्चा संगठन की भूमिका में है। निर्वाचन आयोग को SIR से पहले मतदाता सूची का इलेक्ट्रॉनिक डेटा प्रदान करना चाहिए और सभी राजनैतिक दलों से चर्चा करना चाहिए, यही लोकतंत्र का तकाज़ा है। महाराष्ट्र, कर्नाटक और बिहार के वोट चोरी के जो प्रमाण उजागर हुए हैं वे चुनाव आयोग और भाजपा के मिलीभगत से लोकतंत्र को बर्बाद करने के षडयंत्र को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त हैं। पहले वोटर, अपने लिए सरकार चुनते थे, अब मोदी के अमृतकाल में सरकार के राजनैतिक लाभ के लिए निर्वाचन आयोग तरह-तरह के फिल्टर लगाकर वोटर चुन रही है। पहले चुनाव आयोग, वोटरों को, सरकार चुनने में मदद करता था, अब केंचुआ पूरी तरह से सरकार के मददगार की भूमिका में हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा की सरकार में बिहार में हुए SIR, पारदर्शिता और विश्वासीयता की कसौटियों पर पूरी तरह से फेल साबित हुई है। हाल ही में बिहार में हुए SIR वोटर लिस्ट में सबसे ज्यादा नाम महिलाओं के काटे गए वह भी सुनवाई का अवसर दिए बिना। 69 लाख मतदाताओं के नाम सूची से गायब किए गए, जिनमें से ज्यादातर भूमिहीन गरीब, मजदूर और महिलाओं के हैं।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि हम दो और हमारे दो की अलोकप्रिय हो चुकी सरकार जनमत चुराने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रही है। एसआईआर का असल मकसद मतदाता सूची अपडेट करना नहीं, बल्कि सत्ताधारी दल के लाभ के लिए लोकतंत्र को बर्बाद करना है। राहुल गांधी ने 18 सितंबर 2025 को कर्नाटक के आलंद विधानसभा सीट का उदाहरण देते हुए बताया था कि कैसे दूसरे राज्यों के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल कर फर्जी तरीके से मतदाता सूची में नाम विलोपित किए गए, उससे पहले महाराष्ट्र का उदाहरण भी सर्वविदित है, विगत 7 अगस्त 2025 को राहुल गांधी ने एक घंटा 11 मिनट के प्रेजेंटेशन में मय प्रमाण वोट चोरी के आरोप लगाए जिस पर निर्वाचन आयोग आज तक मौन है। “वन नेशन वन इलेक्शन” से पहले सत्ता में बैठे अपने आकाओं के लिए निर्वाचन आयोग, SIR के माध्यम से जमीन तैयार करने में जुटी है।

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