
new dilli : दिग्गज निवेशक विजय केडिया टाटा ग्रुप की कंपनी तेजस नेटवर्क्स से बाहर हो गए हैं या उन्होंने कंपनी पर अपना दांव घटा लिया है। विजय केडिया, तेजस नेटवर्क्स लिमिटेड में एंट्री करने के 5 साल बाद ‘बाहर’ हुए हैं। तेजस नेटवर्क्स के शेयरों में बुधवार को तेज गिरावट आई और कंपनी के शेयर 605 रुपये पर पहुंच गए। तेजस नेटवर्क्स के शेयर बुधवार को 52 हफ्ते के नए निचले स्तर पर जा पहुंचे हैं। पिछले छह महीने में तेजस नेटवर्क्स के शेयरों में 45 पर्सेंट से अधिक की गिरावट देखने को मिली है। टाटा ग्रुप की इस कंपनी के शेयरों का 52 हफ्ते का हाई लेवल 1459.80 रुपये है।
तेजस नेटवर्क्स के पब्लिक शेयरहोल्डर्स में केडिया का नाम नहीं
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर अपलोड किए गए लेटेस्ट शेयरहोल्डिंग पैटर्न के मुताबिक, विजय केडिया का नाम पब्लिक शेयरहोल्डर्स की लिस्ट में नहीं है। विजय केडिया ने अपनी इनवेस्टमेंट फर्म केडिया सिक्योरिटीज के जरिए तेजस नेटवर्क्स पर दांव लगाया हुआ था। मार्च 2025 तिमाही के आखिर में विजय केडिया के पास तेजस नेटवर्क्स के 18 लाख शेयर थे, कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 1.02 पर्सेंट थी। पब्लिक शेयरहोल्डर्स लिस्ट में नाम न होने का मतलब या तो यह हो सकता है कि विजय केडिया पूरी तरह से स्टॉक से बाहर हो गए हैं या फिर कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 1 पर्सेंट से भी नीचे आ गई है।
विजय केडिया ने कंपनी में 4.2% तक बढ़ाया था हिस्सा
दिग्गज निवेशक विजय केडिया का नाम सबसे पहले जून 2020 को खत्म हुई तिमाही में पब्लिक शेयरहोल्डर्स लिस्ट में आया था। उस समय कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 1.52 पर्सेंट थी। केडिया ने सितंबर 2020 तिमाही में कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 4.2 पर्सेंट कर ली। इसके बाद से केडिया लगातार कंपनी में अपनी हिस्सेदारी घटा रहे हैं। सितंबर 2020 में 70 रुपये प्रति शेयर के एवरेज प्राइस से तेजस नेटवर्क्स के शेयर 2035 पर्सेंट के उछाल के साथ 27 जून 2024 को 1495.1 रुपये के ऑल-टाइम हाई पर पहुंचे।
पहली तिमाही में कंपनी को 193 करोड़ रुपये से ज्यादा का घाटा
डोमेस्टिक टेलिकॉम गियर बनाने वाली कंपनी तेजस नेटवर्क्स को चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 193.87 करोड़ रुपये का कंसॉलिडेटेड नेट लॉस हुआ है। सेल्स में गिरावट की वजह से कंपनी को यह घाटा हुआ है। एक साल पहले की समान अवधि में तेजस नेटवर्क्स को 77.48 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में टाटा ग्रुप की इस कंपनी का कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू करीब 87 पर्सेंट घटकर 202 करोड़ रुपये रहा है, जो कि एक साल पहले की समान अवधि में 1563 करोड़ रुपये था।