मनरेगा को लेकर केंद्र और बंगाल सरकार के बीच विवाद गहरा गया; मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सार्वजनिक रूप से आदेश की प्रति फाड़ दी

केंद्र के आदेश के बाद CM ममता बनर्जी बेहद नाराज हैं. उन्होंने कूचबिहार में एक जनसभा के दौरान MGNREGA से जुड़े नए नियमों वाले नोट को फाड़ दिया. उन्होंने इसे “बेकार और अपमानजनक” करार दिया और यह भी कहा कि बंगाल “दिल्ली की खैरात” नहीं मांगेगा.

ताजा विवाद केंद्र की ओर से मनरेगा (MGNREGA, Mahatma Gandhi NREGA) योजना को बंगाल में तत्काल प्रभाव से लागू करने से जुड़ा आदेश है, और राज्य की ममता सरकार इस आदेश का विरोध कर रही है. केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कलकत्ता High Court के निर्देशों का पालन करते हुए 6 December को मनरेगा को लागू करने संबंधी एक Order issue किया, जिसमें कहा गया कि “ग्रामीण विकास विभाग इसके द्वारा WB में महात्मा गांधी नरेगा को तुरंत प्रभाव से फिर से लागू कर रहा है.” इसकी जानकारी पश्चिम बंगाल सरकार को भी दी गई.

सीएम ममता ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “हमें केंद्र की ओर से एक पत्र मिला जिसमें कहा गया था कि 6 दिसंबर से हमें तिमाही लेबर बजट जमा करना होगा. उन्होंने (केंद्र) यह शर्त लगा दी है. यह कागज का टुकड़ा बेकार है. हम फिर से सत्ता में लौटेंगे. कर्मश्री योजना के तहत, हम 70 दिन का काम दे रहे हैं. हम इसे बढ़ाकर अब 100 दिन का करेंगे.

वहीं केंद्र ने MGNREGA, 2005 की धारा 27 का इस्तेमाल करते हुए, “Central Government” केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करने की वजह से साढ़े 3 साल पहले 9 मार्च, 2022 से West Bengal को फंड जारी करना बंद कर दिया था. अब नए आदेश के अनुसार, “राज्य को सभी मजदूरों का 100% ई-केवाईसी पूरा करना होगा, और मस्टर रोल अनिवार्य ई-केवाईसी के बाद ही जारी किए जाएंगे.”इसके अलावा केंद्र ने ममता बनर्जी की अगुवाई वाली बंगाल सरकार से साफ कर दिया है कि 20 लाख रुपये से ज्यादा अनुमानित लागत वाले किसी भी काम की इजाजत नहीं दी जाएगी.

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