किसानों का सबसे प्रसिद्ध और पारंपरिक पर्व पोला, मीठी खुरमी और नमकीन ठेठरी के साथ होती है मिट्टी से बने नंदी की पूजा.

Pola Festival 2024 : किसानों का सबसे प्रसिद्ध और पारंपरिक पर्व पोला प्रदेश में आज धूमधाम से मनाया जाएगा. भाद्रपद मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाला यह पोला त्योहार, खरीफ फसल की निंदाई गुड़ाई पूरा होने पर मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ का पारम्परिक त्योहार “पोला” इस बार 2 सितंबर को बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है.

पोला पर्व पर मिट्टी से बने हुए नदिया बैल की खरीदी कर पूजा होती है. बाजार में रंगबिरंगी मिट्टी के खिलौने की भी खूब बिक्री हुई. यह पर्व महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, और कर्नाटक आदि में बड़े ही धूमधाम एवं हर्षोल्लास से मनाया जाता है. इस पर्व को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से जाना जाता है.

रंगबिरंगी मिट्टी के खिलौने की खूब बिक्री हुई (Pola Festival 2024)

छत्तीसगढ़ में इसकी तैयारियां बड़े ही धूमधाम से की जाती हैं. सीएम हाउस से लेकर गांवों तक इसकी धूम देखने मिल रही है. सदियों से चली आ रही परम्परा का महत्व आज भी कायम है. इसके लिए बाजार में पूजा के लिए मिट्टी से बने नंदी, बैल समेत जांता चक्की व चूल्हा का सेट भी बिक रहे है. इस पर्व की तैयारियां घर घर शुरु हो चुकी हैं. घरों में पारंपरिक मिठाई और नमकीन बनने की शुरुआत हो चुकी है. मीठी खुरमी और नमकीन ठेठरी का पोला पर्व में बनाया जाना खास होता है.

गाय और बैलों की होती है पूजा

गौवंश को लक्ष्मी जी के रूप में देखा जाता है और इसे पूजनीय माना गया है. पोला पर्व में बैलों की विशेष रूप से पूजा आराधना की जाती है, शहरी क्षेत्र में जिनके पास बेल नहीं होते हैं . वह मिट्टी के बैलों की पूजा आराधना करके  टीका लगाकर उन्हें माला पहनाते हैं एवं तरह-तरह के व्यंजन खिलाए जाते है.

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