मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सीएम विष्णु देव ने दिए संकेत, कहा “कभी भी हो सकता है मंत्रीमंडल का विस्तार”

रायपुर : छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की सुगबुगाहट तेज हो गई है और ना केवल सुगबुगाहट बल्कि सोशल मीडिया पर सूची भी वायरल हो रही है. सूची में न केवल मंत्रीमंडल के नाम है, विधानसभा उपाध्यक्ष और संसदीय सचिव के नाम शामिल है. इसी बीच सीएम विष्णु देव साय ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का विस्तार कभी भी हो सकता है.

कभी भी हो सकता है मंत्रीमंडल का विस्तार : सीएम साय

मंत्री मंडल विस्तार पर सीएम विष्णुदेव साय ने मंत्री मंडल विस्तार को लेकर हंसते हुए कहा था कि इंतजार तो करना ही पड़ेगा.और अब जब एक बार फिर विस्तार को लेकर चर्चा तेज है तब उम्मीदें भी बढ़ी है. छत्तीसगढ़ में लंबे समय से साय कैबिनेट का विस्तार अटका है. इसमें बड़ा सवाल यही है, कि क्या पुराने सेटअप के हिसाब से 2 मंत्री बनाए जाएंगे या हरियाणा की तर्ज पर 14 का सेटअप होगा? डेढ़ साल बाद संसदीय सचिवों की भी जिम्मेदारी दी जाएगी.

इसके पहले 21 दिसंबर 2023 को शपथ ग्रहण में कुल 11 मंत्रियों को पद की शपथ ली थी. वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर सांसद बनने के बाद मंत्री पद से इस्तीफा दिया था. मंत्री मंडल विस्तार को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के हामी का इंतजार है.

मंत्री की रेस में ये नाम शामिल

अमर अग्रवाल

मंत्री पद के लिए सबसे पहले अमर अग्रवाल का नाम सामने आ रहा है, ये रमन सरकार में मंत्री रहे हैं. बिलासपुर से पांच बार के विधायक हैं, शांत सौम्य छवि वाले अमर अग्रवाल ने साय सरकार पर पिछले डेढ़ साल में कभी निशान नहीं साधा, जबकि मंत्री पद की दौड़ में रहे अजय चंद्राकर, राजेश मूणत और धरमलाल कौशिक लगातार विधानसभा में आक्रामक रहे और सरकार और मंत्रियों पर सवाल खड़े करते रहे.

  1. गजेंद्र यादव

जातिगत फार्मूले की बात की जाए तो गजेंद्र यादव का नाम फाइनल माना जा रहा है. छत्तीसगढ़ के ओबीसी वर्ग में साहू समाज के बाद सबसे ज्यादा यादव वर्ग की वोटर है और इस वर्ग का प्रतिनिधित्व मंत्रिमंडल में अभी नहीं है. रमन सरकार में दुर्ग से विधायक रहे हेमचंद यादव मंत्री थे. गजेंद्र यादव ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मोतीलाल वोरा के बेटे अरुण वोरा को पटकनी दी है. इसके साथी गजेंद्र यादव के पिता बिसराराम यादव छत्तीसगढ़ के संघ प्रांत प्रमुख भी रह चुके हैं.

  1. पुरंदर मिश्रा

तीसरा नाम पुरंदर मिश्रा का है उड़िया समाज से आते हैं राजधानी रायपुर से कोई भी मंत्री नहीं है बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद रायपुर संभाग से कोई भी मंत्री नहीं है ऐसे में कहा जा रहा कि अगर सरकार हरियाणा फार्मूले पर काम करती है, तो पुरंदर मिश्रा को स्थान मिल सकता है.

इनके अलावा कई बड़े नेता राजेश मूणत, अजय चंद्राकर, रेणुका सिंह, धरमलाल कौशिक भी मंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं.

भगत ने मंत्रिमंडल विस्तार को बताया बिरबल की खिचड़ी

इस बीच कांग्रेस से पूर्व मंत्री ने अमरजीत भगत ने झुनझुना बजाते हुए कहा बीजेपी ने सीनियर नेताओं को पकड़ाया झुनझुना.क्या अजय चंद्राकर, राजेश मूणत झुनझुना बजाएंगे? रेणुका सिंह, धरमलाल कौशिक झुनझुना बजाएंगे? सभी नेताओं ने सूट सिलाकर रखा था वह भी खराब हो गया. बीजेपी सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार बिरबल की खिचड़ी हो गई.

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