अजय चंद्राकर भाजपा के 15 साल की नाकामियों को गिना रहे : कांग्रेस

15 साल तक भाजपा ने ओबीसी, युवा रोजगार के लिये कुछ नहीं किया था

नक्सल समस्या भाजपा राज में बढ़ी कांग्रेस सरकार ने उस पर नियंत्रण किया


रायपुर। भाजपा नेता अजय चंद्राकर की पत्रकारवार्ता पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अजय चंद्राकर जो सवाल खड़ा किये है वह उनकी खुद की सरकार की 15 साल की नाकामियों की स्वीकारोक्ति है। अजय चंद्राकर ने अब ओबीसी आरक्षण युवाओं के रोजगार की याद आ रही है 15 साल तक सरकार में रहने के दौरान भाजपा ने इन मुद्दों के लिये क्या किया भाजपा जवाब दें? अजय चंद्राकर बतायें ओबीसी वर्ग के लिये उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण के लिये 15 साल तक भाजपा ने क्या प्रयास किया था? कांग्रेस की सरकार ने ओबीसी के लिये 27 प्रतिशत और अनारक्षित वर्ग के गरीबों के लिये 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया। माननीय उच्च न्यायालय में दायर याचिका पर इसमें स्टे है। उच्च न्यायालय के आदेश पर ओबीसी की गणना के लिये क्वांटीफायबल द्वारा आयोग बना कर गणना कार्य भी प्रगति पर है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जिस भारतीय जनता पार्टी के राज में 15 साल तक सरकारी नौकरी के द्वार युवाओं के लिये बंद कर दिये गये थे, वह भाजपा कौन सी नैतिकता से युवाओं के रोजगार के कांग्रेस के प्रयासों पर सवाल खड़ा कर रही है? कांग्रेस की सरकार ने पिछले तीन साल में 5 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार दिया है। जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी तब राज्य की बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत थी आज कांग्रेस सरकार के प्रयासों से छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर देश में सबसे कम 0.6 प्रतिशत मात्र रह गयी है जो देश की बेरोजगारी 7.6 प्रतिशत से 125 प्रतिशत कम है।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जिस भाजपा के राज में नक्सलवाद बस्तर के 3 ब्लॉको से निकलकर प्रदेश के 15 जिलों तक पहुंच गया उस भाजपा द्वारा कांग्रेस सरकार की नक्सल नीति पर सवाल खड़ा किया जाना भाजपा के मानसिक दिवालियेपन को प्रदर्शित करता है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद नक्सली गतिविधियों में कमी आई स्वयं केंद्रीय गृह मंत्रालय उसकी पुष्टि करता है। भाजपा ने 15 साल तक नक्सल समस्या से निपटने के लिये कोई सामरिक, आर्थिक, राजनैतिक, सामाजिक नीति नहीं बनाया था। कांग्रेस सरकार बस्तर में शांति बहाली के लिये विश्वास, विकास, सुरक्षा के मूलमंत्र को लेकर आगे बढ़ रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने माना आज छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियों में 85 प्रतिशत कमी आई है। कोंडागांव जिला अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित जिला की सूची से बाहर हुआ है।

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