CG : संस्कृति विभाग के अधिकारियो की मनमानी, पेशन के लिए भटकने को मजबूर है छत्तीसगढ़ी कलाकार

शैलेश आनंद सोजवाल

रायपुर : छत्तीसगढ़ में कला के अनेको रंग है वही इस रंग को लोगो के सामने पेश करने वाले कलाकार अपना पूरा जीवन कला के प्रति समर्पित कर देते है मगर उन्हें कला प्रदर्शित करने के एवज में आर्थिक लाभ बेहद कम ही होता है जिसको देखते हुए राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ी कलाकारों को जीवन निर्वाह के लिए पेशन देकर आर्थिक सहायता करती है, मगर संस्कृति विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कलाकारों को पेशन देने में भी आनाकानी करती है| कलाकारों को कभी नियमो में परिवर्तन होने तो कभी जीवित प्रमाण पत्र जमा करने के नाम पर पेशन के लिए  भटकना पड़ता है|

कलाकार भी तो आखिर इंसान है उन्हें भी आर्थिक जरूरते होती है परिवार के प्रति भी उनकी जिम्मेदारी होती है जिसे कला के माध्यम से मिले आर्थिक लाभ से पूरा करते है वही जब रिटायर होने की उम्र आती है तो सरकार उन्हें पेशन के रूप में एक तय राशि भी देती है जिससे उनका गुजर बसर चल जाता है मगर सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि  छत्तीसगढ़ी कलाकारों को अब पेशन के लिए भटकना पड़ रहा है|

छत्तीसगढ़ के एक प्रख्यात कलाकार ने अपना दुःख साझा करते हुए बताया कि राज्य शासन से मिलने वाली पेशन राशि तय समय में भी नहीं मिल पा रही है वही कभी नियमो में परिवर्तन होने तो कभी जीवित प्रमाण पत्र जमा करने के नाम अधिकारी कार्यालयो के चक्कर लगवाते है| कई कलाकार राजधानी से सुदूर स्थानों में निवासरत है जो अपना प्रमाण पत्र कोरियर के माध्यम से भेज देते है मगर कोरियर नहीं मिलने की बात कहते हुए अधिकारी राजधानी स्थित कार्यालय आने व प्रमाणपत्र जमा करने के निर्देश देते है जिसके चलते कलाकार भी मज़बूरी में राजधानी आते है जिसके बाद भी नियमो में परिवर्तन होने या यदाकदा अधिकारी नहीं होने का हवाला देकर परेशान करने से भी परहेज नहीं करते जिसके चलते कला के प्रति जीवन समर्पित करने वाले कलाकार भटकने पर मजबूर है|

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