वन निवासियों को दी गई है करीब 23.46 लाख हेक्टेयर भूमि
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में वन अधिकार अधिनियम के तहत राज्य स्तरीय निगरानी समिति की बैठक सम्पन्न
रायपुर| छत्तीसगढ़ में वन अधिकार अधिनियम के तहत चार लाख 91 हजार 750 वन अधिकार पत्रों का वितरण हितग्राहियों को किया गया है। इसके तहत करीब 23 लाख 46 हजार 641 हेक्टेयर भूमि हितग्राहियों को बांटी गई है। यह जानकारी राज्य स्तरीय वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु गठित समिति की बैठक में दी गई। बैठक में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वन अधिकार पत्रों की जिलेवार प्रगति, सामुदायिक वन अधिकार प्रकरणों में विभिन्न प्रयोजन हेतु वितरित भूमि में किए गए विकास कार्यों की समीक्षा की गई। बैठक में संसदीय सचिव श्री शिशुपाल शोरी, पूर्व विधायक कटघोरा श्री बोधराम कंवर सहित समिति के अन्य सदस्य मौजूद थे।
बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने वन अधिकार अधिनियम के नोडल विभाग आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वन अधिकार अधिनियम के तहत व्यक्तिगत एवं सामुदायिक अधिकार पत्र के हितग्राहियों की सूची ग्राम पंचायतों में उपलब्ध की जाए और वन अधिकार पत्र के हितग्राहियों स्टेटस ऑनलाइन किया जाए। बैठक में व्यक्तिगत एवं सामुदायिक वन अधिकार पत्रों के प्रगति की समीक्षा की गई।
बैठक में वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति की जानकारी दी गई। अधिकारियों ने बताया कि व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र के तहत चार लाख 45 हजार 586 हितग्राहियों को तीन लाख 63 हजार 664 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि वितरित की गई है। इसी तरह से सामुदायिक वन अधिकार पत्रों के तहत 45 हजार 764 प्रकरणों में 19 लाख 82 हजार 977 हेक्टेयर भूमि का वितरण किया गया है। बैठक में वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत वितरित भूमि के एक लाख दो हजार 676 हितग्राहियों के भूमि विकास संबंधी कार्यों में भूमि समतलीकरण एवं मेढ़ बंधान के करीब 54 हजार 572 हेक्टेयर भूमि में कार्य किया गया है। इसके लिए 36 करोड़ 68 लाख से अधिक की राशि स्वीकृत की गई।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि हितग्राहियों को कृषि कार्य हेतु खाद एवं बीज हेतु एक लाख 43 हजार 870 हितग्राहियों एवं कृषि उपकरण हेतु 11 हजार 188 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्पन्न बैठक में अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग श्रीमती रेणु जी पिल्ले, पीसीसीएफ श्री राकेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव वन श्री मनोज पिंगुआ, सचिव आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विभाग श्री डी.डी. सिंह, आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती शम्मी आबिदी, राजस्व विभाग के सचिव श्री नीलम नामदेव एक्का सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।