विद्यार्थियों को व्हाईट कोट प्रदाय कर दायित्वों के निर्वहन के लिए राज्यपाल ने दी सीख
रायपुर| राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित डॉ. हरवंश सिंह जज दंत चिकित्सा संस्थान में बी.डी.एस. के प्रथम वर्ष में प्रवेश कर रहे विद्यार्थियों के ‘व्हाईट कोट सेरेमनी’ में शामिल हुई। राज्यपाल सुश्री उइके सह अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरूआत की गई। राज्यपाल ने इस दौरान संस्थान में प्रवेश कर रहे विद्यार्थियों को व्हाईट कोट प्रदाय किया और उन्हें चिकित्सा क्षेत्र में बेहतर ढंग से अध्ययन कर मानवता की सेवा के लिए कार्य करने को कहा। उल्लेखनीय है कि पंजाब विश्वविद्यालय सबसे पुराने एवं प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है, जिसकी स्थापना 1882 में लाहौर में हुई थी। इसके अंतर्गत लगभग 200 महाविद्यालय संचालित हैं।
राज्यपाल सुश्री उइके ने ‘व्हाईट कोट सेरेमनी’ को संबोधित करते हुए कहा कि आज आपको जो कोट मिला है, उसका विशेष महत्व है। यह कोट आमजनों के बीच आपको एक विशिष्ट पहचान देने के साथ ही विश्वास का परिचायक है। आप सभी इस कोट की गरिमा को बनाए रखें और अपनी जिम्मेदारियों का पालन करें। राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि चिकित्सा संस्थान के विद्यार्थियों के लिए ‘व्हाईट कोट सेरेमनी’ एक स्वर्णिम अवसर है, जिससे संस्थान में प्रवेश ले रहे विद्यार्थियों को अपने प्राध्यापकों और संस्थान के बारे में जानकारी मिलती है। जो आपके महाविद्यालयीन तथा शैक्षणिक अनुभव को बेहतर बनाता है। उन्होंने इस मौके पर प्रवेश प्राप्त कर रहे सभी छात्र-छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि किसी भी शैक्षणिक संस्थान के लिए दो समय अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। एक वह समय जब विद्यार्थी अपने सपनों को पूरा करने के लिए संस्थान में प्रवेश लेते हैं और दूसरा अध्ययन उपरांत अर्जित शिक्षा के व्यावहारिक उपयोग हेतु संस्थान से विदा लेते हैं। मेरा मानना है कि जिस परिसर में युवा अपने सपनों को गढ़ते हैं, वहां उनका स्वागत होना ही चाहिए। यह स्वागत समारोह निश्चित ही विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़ायेगा और उनका उत्साहवर्धन करेगा।
उन्होंने कहा कि यह स्वर्णिम समय, दंत चिकित्सा महाविद्यालय के विद्यार्थियों में अपने पेशे की संवेदनशीलता और दायित्व का बोध कराएगा। यह व्हाईट कोट सेरेमनी संस्थान की स्थापना के उद्देश्यों के अनुरूप शिक्षा, स्वास्थ्य, शोध, मरीजों की सेवा एवं देखभाल के अपने सिद्धांतों को सतत् रूप से जारी रखने पर बल देगा। दंत चिकित्सा के विद्यार्थी लोगों को एक स्वस्थ मुस्कान देने का काम करते हैं। चिकित्सा विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों की तरह दंत चिकित्सा का अपना विशेष महत्व है। शरीर के अन्य अंगों के साथ-साथ दांतों की भी विशेष देखभाल के प्रति लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। चिकित्सकीय पेशे में सेवा भावना ही मूल है। आप सभी को संवेदनशील होकर मरीजों की सेवा करनी होगी। मरीज बड़ी उम्मीद से आपके पास आएंगे। आपकी कोशिश होनी चाहिए कि उनकी समस्याओं को दूर कर उन्हें स्वास्थ्य लाभ दें। कोविड के कठिन दौर में चिकित्सा क्षेत्र में कार्यरत लोगों ने मानवता की सेवा कर जो मिसाल कायम की है, उसे भुलाया नहीं जा सकता। आप सभी युवा विद्यार्थियों का इसे पेशे के रूप में चुनना एक महत्वपूर्ण फैसला है। जो आपको विशेष अनुभव के साथ-साथ आत्मसंतुष्टि भी देगा। सेवा का यह क्षेत्र न केवल प्रतिष्ठित है, बल्कि स्वस्थ समाज के निर्माण में भूमिका निभाएगा। कार्यक्रम में पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजकुमार, अधिष्ठाता प्रोफेसर रेणु वीग, कुलसचिव श्री विक्रम नैयर, अधिष्ठाता शोध प्रोफेसर सुधीर, नियंत्रक प्रोफेसर जगत भूषण, डॉ. हरवंश सिंह जज इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साईंसेस एवं हॉस्पिटल के प्राचार्य प्रोफेसर हेमंत बत्रा, प्राध्यापकगण, प्राचार्यगण एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।