36,000 करोड़ के नान घोटाले के आरोपी रमन सिंह किस नैतिकता से मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांग रहे
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सिंह के बयान से यह साफ हो गया कि छत्तीसगढ़ में पड़े आईटी के छापे भारतीय जनता पार्टी के देशव्यापी राजनैतिक अभियान का हिस्सा है। भाजपा जहां पर अपने विरोधी दलों से राजनैतिक रूप से नहीं निपट पाती वहां पर वह आईटी, ईडी, सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों को आगे करती है। आईडी ने छापेमारी किया है। कुछ गलत मिला होगा तो वह विधिसम्मत कार्यवाही करेगी लेकिन आईटी की कार्यवाही के आधार पर रमन सिंह और भाजपा जो बयानबाजी कर रहे उससे इस कार्यवाही की मंशा पर सवाल खड़ा हो रहे है।
देशभर में आईटी और ईडी भारतीय जनता पार्टी के मोर्चा संगठन की भांति काम कर रही है। इनकी कार्यवाही और कार्यप्रणाली दोनों लगातार सवालों के घेरे में रहती है। भाजपा बतायें कि पिछले 8 साल में कितने भाजपा और भाजपा के सहयोगी दलों के लोगों के यहां छापे की कार्यवाही की गयी? देश में सारी अनियमितता विरोधी दल के लोग ही कर रहे है, भाजपा और उसके सहयोगी दल के नेता दूध के धुले हुए हैं? ईडी, आईटी और भाजपा का जो नापाक गठबंधन देशभर में दिख रहा, लोग जानना चाहते है ये रिश्ता क्या कहलाता है? राज्य में कुछ लोगों के यहां की गयी आईटी की कार्यवाही के आधार पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस्तीफा मांगना रमन सिंह की खीझ और राजनैतिक अवसरवादिता है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि आश्चर्यजनक है कि जिस रमन सिंह के ऊपर 36,000 करोड़ के नान घोटाले के आरोप लगे हुये हैं,, जिन रमन सिंह के पुत्र का नाम पनामा पेपर में आता है, जिन रमन सिंह के ऊपर अंतागढ़ में विपक्ष के प्रत्याशी को खरीदने के आरोप लगे हो, जिनके दामाद के ऊपर डीकेएस अस्पताल घोटाले का आरोप लगे हो वे किस नैतिकता से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से इस्तीफे की मांग कर रहे है। रमन सिंह जो अपने मुख्यमंत्रित्व काल में कमीशन सिंह के नाम से विख्यात थे, वे दूसरे के खिलाफ की गयी कार्यवाही पर मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांग रहे है।