
०० जिले के राशन दूकान संचालक हर महीने बेच रहे हितग्राहियों के सैकड़ो क्विटल चांवल
रायपुर : राज्य शासन की पीडीएस योजना का हाल ऐसा है कि एक राशन दूकान संचालक तकनीकी जानकारी के अभाव में 70 क्विटल चांवल के सार्टेज़ का भुगतान अपनी जेब से भरने मजबूर है वही राशन सार्टेज भरने अपनी ही जमीन के अनाज को बेचकर कर सार्टेज़ स्टाक को पूरा किया मगर पिछले 6 महीने से वेतन के भुगतान के लिए खाद्य अधिकारियो के चक्कर लगा रहा है|
राजधानी के उचित मूल्य की दूकान की पड़ताल करने के दौरान राशन दूकान संचालक ने बताया कि पीडीएस सिस्टम के तहत ऑनलाइन एवं नवीन तकनीक के तहत राशन का आबंटन किया जा रहा है, नवीन तकनीक की जानकारी के अभाव में बीते महीने संचालक को 70 क्विंटल चांवल की स्टाक में सार्टेज आ गया, जिसको लेकर अधिकारियो के द्वारा तत्काल सार्टेज को पूरा करने के निर्देश दिए गए, दूकान संचालक ने अपनी जमीन में उगाये आनाज को बेचकर सार्टेज पूरा कर दिया मगर पिछले 6 महीने से वेतन के भुगतान के लिए खाद्य अधिकारियो के चक्कर लगा रहा है| यहाँ यक्ष सवाल यह है कि राशन दूकान में हुए सार्टेज की भरपाई के लिए अधिकारी पूरी रूचि दिखाते है वही जब संचालक के वेतन भुगतान की बारी आई तो अपने कर्तव्यो से इतिश्री कर लिए जबकि जिले के कई राशन दूकानो में सैकड़ो टन चांवल की सार्टेज है बावजूद इसके अधिकारी ऐसे दूकान संचालको के खिलाफ कार्यवाही नहीं कर रहे है|
सैकड़ो क्विटल चांवल खा गए दुकानदार : जिले के राशन दुकानों में सैकड़ो क्विटल चांवल की हेराफेरी दूकान संचालको द्वारा की जा रही है वही कई दूकान संचालक हितग्राहियों को चांवल देकर दुगुनी कीमतों में खरीद कर तिगुने चौगुने दाम पर दुकानदारों व्यापारियों को बेच रहे है| कई राशन दुकानों में संचालको की मनमानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हितग्राहियों को चांवल वितरण ना कर सीधे व्यापारियों को प्रतिमाह सैकड़ो क्विटल चांवल बिक्री कर अपने जेबे भरने में लगे हुए है|