समितियों ने प्रशासन को दिया अल्टीमेटम, 5 जनवरी तक उठाव नहीं हुआ तो बंद होगी खरीदी

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 14 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी अब किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। बफर लिमिट से अधिक खरीदी के बावजूद जिले के धान उपार्जन केंद्रों में धान का उठाव ना होने से खरीदी केंद्रों में धान जाम की स्थिति निर्मित हो गई है। आलम ये है कि कई केंद्रों में क्विंटल तो दूर किलो भर धान रखने की जगह नहीं हैं, इससे परेशान खरीदी केंद्र प्रभारियों ने सीधे कलेक्टर से धान उठाव हेतु गुहार लगाने के साथ मियाद भी दी है कि 5 जनवरी तक बंपर लिमिट के ऊपर धान का परिवहन संतोषजनक ना होने की स्थिति में 6 जनवरी से जिले के सभी धान उपार्जन केंद्रों में खरीदी बंद कर दी जाएगी।मिली जानकारी अनुसार, 29 दिसंबर तक जिले के 30 उपार्जन केंद्रों में 4 लाख 37 हजार 737 क्विंटल धान की खरीदी हुई है, जिसमें से महज 51 हजार 850 क्विंटल का उठाव हुआ है यानी जिलेभर में अब तक महज 11.85 फीसदी धान का उठाव हुआ है। जबकि 3 लाख 85 हजार 886 क्विंटल धान का उठाव होना बाकी है। ये आंकड़े 29 दिसंबर के हैं। ऐसे में 30 और 31 दिसंबर में हुई खरीदी से शेष मात्रा के आंकड़ों में वृद्धि होना निश्चित है।

धान खरीदी करने वाली समितियों की बढ़ी चिंता

बता दें कि उठाव में हो रही देरी से धान खरीदी करने वाली समितियों की चिंता बढ़ गई है। मार्कफेड की नीति के बावजूद एक महीने से ज्यादा समय बीतने की वजह से सूखत बढ़ रही है। लगभग समितियों में बफर स्टॉक से ज्यादा धान की खरीदी हो चुकी है। समितियों की मानें तो जिले में एक ही मिलर्स होने से ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। उठाव के लिए अंतरजिला डीओ और टीओ जारी किया जाता है तो समस्या से छूटकारा पाया जा सकता है।

 

बहरहाल, उठाव में हो रही देरी से खरीदी केंद्रों में धान जाम की स्थिति निर्मित हो गई है, वही कई केंद्रों में धान रखने की जगह ना होने से खरीदी भी प्रभावित हो रही है, इतना ही नहीं समितियों को सूखत की चिंता भी सता रही है। हालांकि जिला सहकारी समिति संघ ने ज्ञापन के जरिए प्रशासन का ध्यान आकर्षण जरूर कराया है, लेकिन वस्तुस्थिति से पूरी तरह वाकिफ संघ के पदाधिकारियों ने प्रशासन को साफ चेतावनी भी दी है कि बफर स्टॉक से ऊपर धान उठाव को लेकर प्रशासन कोई कदम नहीं उठाता है तो 6 जनवरी से जिले के सभी उपार्जन केंद्रों में खरीदी बंद कर दी जाएगी।

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