समुदाय एवं स्वयंसेवकों को स्कूलों से सीधे जुड़ने हेतु बनाया गया है पोर्टल
स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में समुदाय की भागीदारी है बेहद महत्वपूर्ण
रायपुर| स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने में समुदाय और स्वैच्छिक भागीदारी की अनिवार्य भूमिका हैं। यह पूरे देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आवश्यक संसाधनों की हिमायत करने और उन्हे जुटाने के प्रभावी साधन के रूप में कार्य करता हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में स्कूली शिक्षा प्रणाली में सामुदायिक भागीदारी के महत्व की भी परिकल्पना की गई हैं। एनईपी 2020 की मूल भावना को आगे बढ़ाते हुए, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए सामुदायिक और स्वैच्छिक भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए एक स्वयंसेवी प्रबंधन प्रणाली – विद्यांजलि 2.0 और दिशानिर्देश तैयार किया हैं। विद्यांजलि 2.0 से भारतीय नागरिक, अनिवासी भारतीय, भारतीय मूल के लोग, भारत में पंजीकृत संगठन गतिविधियों में योगदान देकर और सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को निःशुल्क सेवाएं प्रदान कर सकेंगें। स्वयंसेवक ऐसे स्कूल में योगदान दे सकते है जो समर्पित पोर्टल के माध्यम से सहायता का अनुरोध करता हैं।
समुदाय एवं स्वयंसेवकों को स्कूलों से सीधे जोड़ने हेतु एक पोर्टल बनाया गया हैं जिसमें अपना पंजीयन कर सकते हैं। Mygov.in या http://vidyanjali.education.gov.in पर जाकर कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कलेक्टोरेट के कक्ष क्रमांक 37 में तथा मोबाइल नंबर 9926615200 पर संपर्क किया जा सकता है जिला मिशन समन्वयक समग्र शिक्षा जिला रायपुर श्री के एस पटले ने बताया कि इसके दो मुख्य घटक है। पहला सेवाप्रदाता (वालेन्टियर) जिसके द्वारा शालाओं में विभिन्न विषयों को पढ़ाने हेतु सेवा प्रदान करना। शिक्षणकला और शिल्प अंतर्गत खिलौने, मिट्टी की मॉडलिंग, कठपुतली बनाना, लकड़ी का समान बनाना, पत्थर का चित्रकारी बनाना, लोहे की वस्तु निर्माण सिखाना। योग एवं खेल सिखाना। शिक्षण भाषाएं अंतर्गत कहानीकार, अभिनेता, थिएटर, संचार कौशल, नाटक आदि के लिए प्रेरित करना।दिव्यांग छात्रों के लिए सहायता के तहत स्पीच थेरेपी, फिजियोथेरेपी, विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा दिव्यांग छात्रों को सहायता प्रदान करना। केरियर परामर्श के लिए उच्च शिक्षा संस्थान में प्रवेश के लिए छात्रों को परामर्श देना। प्रवेश परीक्षा तैयारी के लिए सहायता देना तथाबच्चों के लिए पोषण संबंधी सलाह एवं सहायता प्रदान करना शामिल है।
इसी प्रकार दूसरे घटक में स्वयंसेवी द्वारा योगदान परिसंपत्ति/सामग्री/उपकरण प्रदान करना शामिल है जिसके तहत बुनियादी नागरिक संरचना – जैसे – शाला मे अतिरिक्त कक्ष निर्माण, शौचालय, पेयजल, कला और शिल्प कक्ष, स्टॉफ रूम, विज्ञान प्रयोगशाला, बाउड्रीवाल, गेट, पानीटंकी, खेल उपकरण, फर्नीचर, वर्षा जल संचयन संरचना आदि कार्य मे सहयोग कर सकते हैं। विद्युत संरचना प्रदान करना – पंखे, ट्यूबलाईट, एग्जास फैन, जनरेटर, सौर पैनल, खाना पकाने के उपकरण आदि। कक्षा की जरूरते के तहत व्हाईट बोर्ड, कुर्सी, मेज, आलमारी, स्टेशनरी, आदि। डिजिटल संरचना प्रदान करना – कम्प्यूटर, एल.ई.डी., प्रोजेक्टर, इंटरएक्टीव व्हाईट बोर्ड, स्मार्ट टी.वी., लैपटॉप, प्रिन्टर, आदि। खेल उपकरण प्रदान करना – बैडमिंटन कीट, बास्केटबॉल कीट, कैरमबोर्ड आदि तथा परिसर को हरा भरा रखने हेतु सहयोग प्रदान करना शामिल है।