भाजपा सांसदों के गोद लिए गांव का पता नहीं और अब बिना फंड जारी किए केंद्रीय मंत्रियों का 10 आकांक्षी जिलों का भ्रमण?
सामाजिक न्याय पखवाड़ा“ भाजपा का राजनीतिक पाखंड है दलितों, महिलाओं और किसानों के खिलाफ अपराधियों के समर्थन में खड़े भाजपाइयों को देश की जनता ने देखा है
रायपुर। मोदी सरकार के सामाजिक न्याय पखवाड़ा के नाम पर छत्तीसगढ़ के 10 आकांक्षी जिलों में आगामी 15 दिनों में 9 केंद्रीय मंत्रियों के दौरे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने छत्तीसगढ़ के 9 लोकसभा सांसद, 2 राज्यसभा सांसद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह, धरमलाल कौशिक, विष्णुदेव साय सहित प्रदेश भाजपा नेतृत्व को खारिज कर दिया गया है। भूपेश सरकार की जनहितैषी योजनाओं, बढ़ती लोकप्रियता और तेजी से स्थापित हो रहे छत्तीसगढ़ मॉडल के सामने भाजपा प्रभारी शिव प्रकाश, डी पुरंदेश्वरी और नितिन नवीन के सारे प्रयास विफल रहे हैं। अब भाजपा की डूबती नैय्या बचाने की अंतिम कोशिश करने केन्द्रीय मंत्री आ रहे है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि तमाम भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं और दलितों की लिंचिंग की घटनाएं दिनोंदिन बढ़ रही है। कठुआ, उन्नाव, हाथरस, लखीमपुर-खीरी में महिलाओं, दलितों और किसानों के खिलाफ अपराध में शामिल अपराधियों के समर्थन में खड़े भाजपा नेताओं को देश की जनता ने देखा है। अब केवल राजनीतिक लाभ के लिए मोदी सरकार द्वारा “सामाजिक न्याय पखवाड़ा“ मनाना केवल नौटंकी है, राजनीतिक पाखंड है। मोदी सरकार के चंद पूंजीपति मित्रों के लाखों करोड़ का लोन राइट ऑफ करने वाले भाजपा के केंद्रीय मंत्री यह कहते हैं कि छत्तीसगढ़ के किसानों को धान का समर्थन मूल्य 2500 रू. देने से अर्थव्यवस्था बिगड़ जाएगी? प्रदेश कंगाल हो जाएगा? 15 साल प्रदेश के किसानों को बोनस के नाम पर ठगने वाले, आदिवासियों से वनोपज ओने पौने दाम पर खरीदने वाले हैं, प्रशासनिक आतंकवाद, दमन शोषण और वादाखिलाफी के चलते अपनी विश्वसनीयता खो चुके भाजपाई अब चुनावी लाभ के लिए सामाजिक न्याय पकवाड़ा का ढोंग कर रहे हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ की जनता अब इनके झांसे में नहीं आने वाली।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र वर्मा ने कहा कि मोदी सरकार के मंत्रियों को जनता के साथ भाजपा के कार्यकर्ताओं को भी बताना पड़ेगा कि महंगाई से कहरा रही जनता के राहत के लिए मोदी सरकार क्या उपाय करने जा रही है देश में बढ़ती महंगाई के लिए मोदी की सरकार हमेशा से बहाना बाजी कर अपने जिम्मेदारियों से भाग रही है यूक्रेन और रूस युद्ध के पहले महंगाई के लिए पूर्ववर्ती सरकार को जिम्मेदार ठहराने वाले मोदी सरकार असल मायने में जनविरोधी है किसान विरोधी है हम दो हमारे दो को पालने पहुंचने की नीति पर मोदी भाजपा की सरकार आगे बढ़ी है जिस का ही परिणाम है कि देश में महंगाई चरम सीमा पर है अर्थव्यवस्था ऑक्सीजन में है बेरोजगारी के मामले में देश 45 साल पुराने स्थिति में खड़ी हुई है देश के ऊपर बीते 7 साल में 128 लाख करोड़ का कर्ज चल गया रिजर्व बैंक से 176000 करोड रुपए निकाल लिया गया सरकारी कंपनियों को माटी के मोल बेचा जा रहा है और देश की जनता को मोदी भाजपा जुमला सुना कर बहाला रही है|