मतदाता जागृति मंच बैलट पेपर से चुनाव की मांग लेकर भाजपा उपाध्यक्ष का बंगला घेरेंगे

००  अध्यक्ष नंद कुमार बघेल ने कहा, ईवीएम् से हो रही है धांधली

रायपुर| मतदाता जागृति मंच और अखिल भारतीय कुर्मी किसान मजदूर महासभा के अध्यक्ष नंद कुमार बघेल ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम्) के विरोध में आंदोलन की राह पर हैं। सोमवार को उन्होंने बताया, उनका संगठन मतदाता जागृति मंच बैलट पेपर से चुनाव की मांग कर रहा है। इसके लिए वे लोग 27 अप्रैल को भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का बंगला घेरेंगे।

रायपुर| रायपुर के पाटन सदन में प्रेस से चर्चा में नंद कुमार बघेल ने कहा, ईवीएम् की विश्वसनीयता संदिग्ध है। पिछले दिनों पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भी ईवीएम् पर सवाल उठे। मतदाताओं ने उसका विरोध किया। बड़ी आशंका है कि ईवीएम् के जरिए चुनावों में धांधली हो रही है। नंद कुमार बघेल ने कहा, जब तक बैलट पेपर से चुनाव नहीं होगा देश में बदलाव संभव नहीं है। इसके लिए उनका संगठन राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन खड़ा करेगा। शुरुआत छत्तीसगढ़ के रायपुर से हो रही है। यहां केंद्र में सत्ताधारी भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का आवास है। संगठन के लोग ईदगाहभाठा मैदान में एक सभा करेंगे। उसके बाद सभी रमन सिंह के सरकारी आवास का घेराव करने निकलेंगे। उस दिन संगठन राष्ट्रपति को अपना मांगपत्र भी भेजेगा।

मतदाता जागृति मंच से सूचना का अधिकार कानून से हासिल कुछ सरकारी जवाबों के आधार पर ईवीएम् पर सवाल उठाए हैं। कहा गया, ईवीएम् की प्रमाणिकता से जुड़े सवाल पर भारत निर्वाचन आयोग ने बताया है, यह बीईएल और ईसीआईएल से सीधे ली जा सकती है। वहीं बीईएल (भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड) का जवाब है, यह तकनीकी विशेषज्ञ समिति से अनुमोदित विशिष्टताओं के हिसाब से बनाई गई है। भारत निर्वाचन आयोग से निर्धारित एजेंसी ने इसका निरीक्षण किया है। ईसीआईएल ने बताया, एसटीक्यूसी ने थर्ड पार्टी निरीक्षण किया है। प्राधिकारियों ने यह नहीं बताया, किस राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय एजेंसी से इसे प्रमाणित कराया गया है। कहा गया, दुनिया भर में ईवीएम् और वीवी- पैट ही ऐसी दो इलेक्ट्रॉनिक मशीने हैं जिनके पास प्रमाणिकता का कोई प्रमाणपत्र नहीं है। फिर भी देश भर में इससे चुनाव कराए जा रहे हैं।

मतदाता जागृति मंच का कहना है, ईवीएम् में किस कंपनी का प्रोसेसर इस्तेमाल हो रहा है, यह बताने से भी भारत निर्वाचन आयोग और मशीन की निर्माता कंपनी ने इन्कार कर दिया है। कंपनी का नाम पता चले तो उससे पूछा जा सकता है कि संबंधित प्रोसेसर का प्रोग्राम बदला जा सकता है अथवा नहीं। विशेषज्ञों का कहना है कि अधिकांश प्रोसेसर के प्रोग्राम को बदला अथवा रीराइट किया जा सकता है।नंद कुमार बघेल ने इस आंदोलन में एथेनाल उत्पादन को अनुमति देने का मुद्दा भी जोड़ा है। उन्होंने कहा, जब केंद्र सरकार मध्य प्रदेश को एथेनाल उत्पादन की अनुमति दे सकती है तो छत्तीसगढ़ को ऐसा करने क्यों नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा, धान से एथेनाल उत्पादन होगा तो डीजल-पेट्रोल की कीमतें कम होंगी। इससे देश की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा वहीं किसानों की आय भी बढ़ेगी।

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