संपादक की कलम से……..
शैलेश आनंद सोजवाल
संवेदनशील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौमाताओ को लेकर गाय-गोबर-गौठान को महत्व देकर गाव-गाव में गोवंशो की देखभाल व् चारा पानी के इंतजाम करने गौठानो का निर्माण कराया जिसमे गाव भर के गौवंशो को चारा पानी की व्यवस्था पंचायत के द्वारा उपलब्ध कराने निर्देशित किया गया| शहर से लगे सारागाव ग्राम पंचायत में भी सुसज्जित गौठान बनवाया गया है गौवंशो को उचित चारा पानी भी पंचायत द्वारा मुहैय्या कराया जा रहा है, गाव की सरपंच पुन्नी बाई से जब प्रधान संपादक शैलेश आनंद सोजवाल ने चर्चा की तो उन्होंने बताया कि गौठान में गौवंशो की उचित देखभाल के साथ ही चारा-पानी के उच्चतम प्रबंध किये गए है वही गौठान में गोबर खरीदी भी आरम्भ किया गया है, गौपालाको द्वारा गोबर की बिक्री भी की जा रही है वही गोबर से वर्मी कम्पोस्ट भी बनाने की प्रक्रिया चल रही है|
महिला सरपंच पुन्नी बाई से चर्चा के दौरान यह बात भी सामने आई की जब गौठान का निर्माण किया गया था इसी दौरान कतिपय लोगो ने मुख्य द्वार को ही गायब कर दिया जिसके बाद पुन: मुख्य द्वार का निर्माण कराया गया, गौठान में पानी कि समुचित व्यवस्था करने बोर खुदवाया लेकिन पानी नहीं निकला जिसके बाद दुसरे स्थान पर दोबारा बोर खनन किया जिसमे भरपूर पानी निकला जिससे पानी की समस्या का समाधान हो गया| सारागाव की महिला सरपंच पुन्नी बाई ने ठेठ छत्तीसगढ़िया अंदाज में कहा कि गाव में जल जीवन मिशन के तहत शुद्ध पानी के लिए नल व स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का निर्माण हुआ है लेकिन जब तक तालाब में स्नान ना करो मजा ही नहीं आता है……. नल से दो लोटा पानी लेकर नहाने से घुटन सी होती है इसी लिए आज भी तालाब में जाकर ही नहाते है |
शौचालय की भी यही कहानी है खुले में शौच नहीं करने की हिदायत देने वाले आज भी ठेठ देशी अंदाज में खुले आसमान के नीचे ही अपना नित्यकर्म करने से गुरेज नहीं करते………..खैर गाव-गोबर और गौठान की कहानी एकदम ठीक ठाक रही लेकिन जल जीवन मिशन और स्वच्छ भारत मिशन का शौचालय का हाल मत पूछिए? अगली कड़ी में होगी रोचक विषय पर चर्चा जरुर होगी
पढ़ते रहिये ख़ास कालम……………..
संपादक की कलम से……..शैलेश आनंद सोजवाल के साथ!