शैलेश आनंद सोजवाल
विधानसभा चुनाव 2023 के चुनाव में कांग्रेस को जबरदस्त पटखनी देकर भाजपा सत्ता पर काबिज हो गई, भाजपा की सरकार बनने के बाद केन्द्रीय संगठन ने बड़ा उलट-फेर करते हुए आदिवासी सीएम का चुनाव कर नई सरकार की बागडोर सौप दी इसी के साथ मंत्री पद पर भी सबको चौकाने वाले नाम सामने आए जो भाजपा की कुशल राजनीति का एक पहलु रहा अब सरकार के एक साल पुरे हो चुके है…नरम-गरम माहौल के राजनितिक गलियारों में एक ही चर्चा सुनाई देती है……………कौन चला रहा छत्तीसगढ़ की सरकार …किसके इशारे पर हो रहा काम…….कभी सुपर सीएम मैडम की सूबगुबाहट…… तो कभी केन्द्र से सरकार चलने की आहट……इन तमाम अटकलों के बीच “पांच पांडव” अपना जबरदस्त पॉवर गेम खेलते नजर आ रहे है
पांच पांडव के पास है सुपर सीएम पॉवर……….
प्रदेश की सरकार भले ही किसी के हाथो से चल रही हो मगर यहाँ सबसे पॉवरफुल “पांच पांडव” ही है जो पूरा शासन संभाले हुए है, रमन सरकार में तो एक ही आईएएस पुरे प्रदेश पर भारी रहा है मगर साय सरकार में “पांच पांडव” की तूती बोलती है, चाहे सरकार के किसी भी योजना, टेंडर या नीति हो सब इनके हाथो के निचे होकर की जाता है या ये कहे इसके बिना परिंदा भी पर नहीं मार पाता सो यहाँ “पांच पांडव” ही सुपर सीएम कहा जाना गलत नहीं माना जा सकता|
एक बिहारी सौ पर भारी …………
जैसा कहावत है, “एक बिहारी सौ पर भारी” इसी तरह “पांच पांडव कर रहे तांडव” की तर्ज पर पूरी सरकार ही चल रही है, ट्रांसफर-पदस्थापना सहित कई अहम् फैसले पांचो पांडव के निर्णय के बाद ही तय होते है, इन पांचो की “पचड़ी” ने रमन सरकार को भी पीछे छोड़ नई पारी खेलते हुए नौकरशाही को बुलंदी पर लेकर जा रहे है जिसमे एक पूर्व नौकरशाह भी है जो सरकार में भी है और पांच पांडव में भी जो इस पांचो की “पचडी” को मजबूत बना रहा है|