महादेव सट्टा एप में पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, इंडिया हेड को यूपी एसटीऍफ़ ने किया गिरफ्तार

रायपुर। महादेव सट्टा ऐप को लेकर हुए खुलासे के बाद से ही इससे जुड़े लोगों पर लगातार कार्रवाई जारी है। ईडी  और छत्तीसगढ़ में ईओ डब्लू के बाद अब देश के दूसरे राज्यों की एजेंसियां भी इसे लेकर कार्रवाई करने में जुट गई हैं। इसी कड़ी में उत्ततरप्रदेश की एसटीऍफ़ ने लखनऊ से अभय सिंह और संजीव सिंह को पकड़ा है। अभय महादेव बुक और दूसरे गेमिंग बेटिंग ऐप का इंडिया हेड बताया जा रहा है। संजीव उसका सहयोगी है। इंउिया हेड बताए जा रहे अभय पर अरबों रुपये की गड़बड़ी का आरोप है।

उल्लेखनीय है कि, महादेव सट्टा ऐप का नेटवर्क इसी अभय सिंह का फुफेरा भाई अभिषेक दुबई से चलाता है। कहा जा रहा है कि, 32 फर्जी कंपनियों के नाम पर भारत से 4 हजार सिम कार्ड दुबई भेजे गए थे। इन्हीं कार्ड्स के जरिए फर्जीवाड़े का यह पूरा तंत्र रचा गया। कहा तो यह भी जा रहा है कि, इस पूरे सिस्टम को ऑपरेट करने के लिए 10 हजार से भी ज्यादा युवाओं को नौकरी देने के नाम पर दुबई भेजा गया।

कैसे रचा गया जालसाजी का यह तंत्र

पकड़े गए अभय सिंह ने यूपी STF को बताया कि, मेरी बुआ का बेटा अभिषेक सिंह दुबई में रहता है। साल 2021 में अभिषेक ने फोन पर बात की और कहा कि, अपने क्षेत्र से गरीब और अनपढ़ लोगों को उनके नाम से सिम खरीदने के लिए तैयार करो। इसके बदले उन्हें हर महीने 25 हजार रुपए वेतन मिलेगा। सिम एक कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्ट कराते थे। हर महीने 30-35 सिम पोर्ट कराकर भिलाई निवासी शुभम सोनी को दिए गए। शुभम सोनी पहले से ही अभिषेक के साथ काम करता था। सिम का युपीसी कोड अभिषेक के साथ काम करने वाले भिलाई के ही चेतन को देता था।

सिम एक्टिवेट होने पर मिलते थे 2 हजार रुपये कमीशन

यूपी STF को पूछताछ के दौरान अभय ने बताया कि, मुझे पहली सैलरी 75 हजार रुपए मिली। इसके बाद उसे कॉर्पोरेट सिम खरीदने को कहा गया। फर्जी दस्तावेज से कंपनियों के नाम पर इन सिमों को रजिस्टर्ड किया गया। इसमें चेतन भी कुछ कंपनियों के दस्तावेज और फर्जी आधार कार्ड भेजता था। इन सिमों के एक्टिवेशन पर 2 हजार रुपए का कमीशन मिलता था। शुभम इस पूरे नेटवर्क का सुपरविजन करता था। वह महीने में 150 से 200 सिम एक्टिवेट कराकर दुबई भेजता था। फरवरी 2024 से कॉर्पोरेट सिम लेने पर कंपनी के साथ-साथ कर्मचारी के नाम का भी केवायसी होने लगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *