महंगाई पर प्रधानमंत्री अपनी नाकामी का ठीकरा राज्यों पर फोड़ना चाह रहे : कांग्रेस

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राज्यों से पेट्रोल-डीजल कम करने की अपील उनका अपनी जिम्मेदारी से भागने की कवायद है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि महंगाई पर प्रधानमंत्री अपनी नाकामी का ठीकरा राज्यों पर फोड़ना चाह रहे। देश की जनता पेट्रोल-डीजल के साथ रसोई गैस, खाद्य तेल, कपड़ा, साबुन, दवाई सभी प्रकार की आवश्यक वस्तुओं की महंगाई से परेशान है। इन सब वस्तुओं पर जीएसटी मोदी सरकार ने बढ़ाया है। प्रधानमंत्री राज्यों से वैट कम करने की बात कर महंगाई पर से ध्यान भटकाना चाह रहे। केंद्र सरकार की मुनाफाखोरी नीति के कारण डीजल-पेट्रोल के दाम बेतहाशा बढ़े है। राज्यों से अपील करने के बजाय कांग्रेस पार्टी केंद्र से भी मांग करती है कि वह पेट्रोल-डीजल में बढ़ाये गये एक्साइज ड्यूटी को पूरा हटाये तथा आवश्यक वस्तुओं पर से जीएसटी कम करें ताकि राज्य की जनता का पेट्रोल और डीजल के दाम में और राहत मिल सके। केंद्र ने कोरोना काल में डीजल-पेट्रोल के दामों में दस गुना तक बताया था। डीजल-पेट्रोल पर लगने वाले एक्साईज को मोदी सरकार पहले के यूपीए सरकार के समान वसूलना शुरू कर दे तो सारी समस्याओं का समाधान खुद हो जाएगा।

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने कोरोना काल में पेट्रोल पर लगने वाले एक्साइज टैक्स को तीन गुना बढ़ाया था तथा डीजल पर लगने वाले एक्साइज टैक्स को दस गुना बढ़ाया था। मनमोहन सरकार के दौरान पेट्रोल पर 9.18 पैसे तथा डीजल पर लगभग 3.33 पैसे एक्साइज लगता था जिसे मोदी सरकार ने बढ़ा कर 32.90 रू. तथा 31.80 रुपये. कर दिया था। 5 व 10 रुपये की मामूली कटौती करने के बाद भी आज मोदी सरकार पेट्रोल पर 27.90 रु और डीजल पर 21.80 रू. एक्साइज वसूलती है। जितना कम किया उससे अधिक तो 10 दिन में मोदी सरकार ने डीजल-पेट्रोल का दाम बढ़ा दिया। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री गैर भाजपा शासित राज्यों झारखंड, आंध्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, तेलंगाना से वैट कम करने की अपील तो कर रहे लेकिन भाजपा शासित जो राज्य बेतहाशा वैट वसूल रहे उस पर वे क्यों मौन है? केंद्र सरकार के एक्साइज ड्यूटी पर कुछ क्यों नहीं कहते? भूपेश बघेल और कांग्रेस सरकार ने नवंबर 2021 में ही पेट्रोल पर 1 रू. और डीजल पर 2 रू. की कटौती कर राज्य की जनता को महंगाई से बड़ी राहत दी है। कांग्रेस सरकार ने इस कटौती को 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक के लिये पहले ही बढ़ा दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट में कटौती करके यह बता दिया था कि कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता में जनता को राहत पहुंचाना है। छत्तीसगढ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट में कांग्रेस सरकार ने 1 भी पैसे की बढ़ोतरी नहीं किया था, उसके बावजूद भूपेश सरकार ने जनता को महंगाई से राहत पहुंचाने के लिये वैट में कटौती किया था। वैट कम करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ का नाम नहीं लेकर प्रधानमंत्री ने स्वीकारा छत्तीसगढ़ में वैट कम है।

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